इसे आप जो भी कहे, लेकिन एक मतदाता के रूप में आप भी गलत सूचनाओं/ दुष्प्रचार/फर्जी खबरों के प्रचार-प्रसार से आप भी किसी न किसी तरह से प्रभावित हुए हैं, या हो रहे हैं. राजनीतिक दल आप को अपने दल कि और आर्कषित करने के लिए अनेको अभियान बनाएंगे, वे आपकी आलोचनात्मक सोच और निडर तर्क/रीजनिंग के कौशल का परीक्षण जरुर करेंगे.
हम क्या कर सकते है?
कृपया इस सर्वे को यहाँ भरेंसामाजिक परिवर्तन के लिए साइबर तकनीक का उपयोग करने पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं के रूप में हमने एक शोध/रिसर्च उपकरण बनाया है. यह लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान हमारे द्वारा इस्तेमाल किया गया एक बेहद प्रभावी टुल था. आगामी दिल्ली विधान सभा चुनाव 2020 में गलत सूचनाओं/ दुष्प्रचार/फर्जी खबरों के प्रचार-प्रसार प्रभाव को जांचने के लिए यह एक जागरूकता और शोध/रिसर्च है.
हमारा दिल्ली केंद्रित अध्ययन इस बात पर ध्यान देगा कि न केवल गलत सूचनाओं फेक न्यूज के प्रभाव बल्कि उन प्लेटफार्मों को भी जिनके माध्यम से इसे वितरित किया जाता है, इसकी आवृत्ति/पहुंच और क्या उपयोगकर्ता इसे समझने में सक्षम हैं या नहीं. हम विभिन्न सामाजिक-आर्थिक समूहों तक पहुँचने के लिए संगठनों और व्यक्तियों के साथ सहयोग कर रहे हैं.
अनुसंधान/रिसर्च और जागरूकता उपकरण दोनों को क्षेत्र और शिक्षाविदों के विशेषज्ञों के परामर्श से विकसित किया गया था. उत्तरदाताओं की सुविधा और गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए डेटा संग्रह रैडंम नमूने और गुमनाम रूप से किया गया है. यह कार्यप्रणाली भी नमूने में एक उच्च सटीकता सुनिश्चित करेगी.
यह जागरूकता पैदा करने और फेक न्यूज की महामारी को रोकने के लिए एक सहयोगी प्रयास है. टीम सोशल मीडिया के मामले हमारे सीखने को कॉलेजों और स्कूलों को एक शैक्षिक कार्यशाला के बारे में बताएंगे.
आप क्या कर सकते हो?
कृपया इस सर्वे को यहाँ भरेंइसे अपने दोस्तों के साथ साझा करें, इसका पूरी तरह से गुमनाम, कोई भी व्यक्तिगत डेटा संग्रहीत नहीं किया जाएगा, यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि हम फेक न्यूज के मुद्दे को उजागर करें और इसके प्रभाव को भी समझें.