आपके बच्चे इंटरनेट को आपसे ज़्यादा बेहतर तरह से जानते और समझते हैं। जी, आपने यह लाइन बिलकुल ठीक पढ़ी है। आपके बच्चे इंटरनेट को आपसे बेहतर जानते और समझते हैं। मैं यह नहीं कह रहा कि आप इंटरनेट नहीं जानते और समझते बल्कि मैं यह कहना चाहता हूँ कि जिस एडवांस टेक्नोलॉजी को आप देख रहे हैं वह बहुत मज़ेदार है।
जैसे: आपने शायद पेंटियम 4 और विंडोज़ XP का इस्तेमाल किया होगा लेकिन आपके बच्चे i7 और विंडोज़ 10 का इस्तेमाल कर रहे हैं। आप डायल-अप कनेक्शन से 50 kb/sec - 100 kb/sec स्पीड का मजा लेते थे और अब 50 mb/sec एक आम बात है। ऑडियो कैसेट ने अब डिजिटल MP3 के नाम से मोबाइल में जगह बना ली है। वीडियो गेम जो कभी कार्ट्रिज से चला करता था अब उसने कंसोल की शक्ल ले ली है और गेम भी बहुत एडवांस हो गए है ऐसा लगता है मानो जैसे सचमुच की दुनिया देख रहे हों। मोबाइल फ़ोन जो पत्थर जितने भारी हुआ करते थे उन्होंने अपना नाम अब स्मार्ट फोन रख लिया है और तो और फोन भी अब कंप्यूटर जितने तेज हो गए हैं।
5 करोड़ का आंकड़ा
- रेडियो को 5 करोड़ का आंकड़ा छूने में 38 साल लगे
- टीवी को 5 करोड़ का आंकड़ा छूने में 13 साल लगे
- मोबाइल को 5 करोड़ का आंकड़ा छूने में 12 साल लगे
- इंटरनेट को 5 करोड़ का आंकड़ा छूने में 4 साल लगे
- फेसबुक को 5 करोड़ का आंकड़ा छूने में 3.5 साल लगे
- यूट्यूब को 5 करोड़ का आंकड़ा छूने में 1 साल लगा
- एंग्री बर्ड्स को 5 करोड़ का आंकड़ा छूने में 35 दिन लगे
- पोकेमोन गो को 5 करोड़ का आंकड़ा छूने में महज़ 14 दिन और क्या आप जानते हैं PUBG गेम को 5 करोड़ से भी ज़्यादा लोग हर दिन खेलते हैं।
क्या टेक्नोलॉजी से कुछ पॉजिटिव भी हो रहा है?
- ऑनलाइन गेम टीम वर्क और क्रिएटिविटी को बढ़ावा देते हैं।
- बच्चों की नॉलेज बढ़ रही है।
- जिनके घर में कंप्यूटर होता है वह अच्छा परफॉर्म करते हैं।
- विज़ुअल इंटेलिजेंस और हैंड आई कोआर्डिनेशन को बेहतर करता है। (विज़ुअल इंटेलिजेंस - दुनिया को ठीक रूप से देखना, किसी के नज़रिये के अपने मन से फिर से बनाना)
टेक्नोलॉजी से होने वाली कुछ नेगेटिव चीज़ें।
- अश्लील कंटेंट पर एक्सेस
- अजनबियों से कांटेक्ट
- हिंसात्मक कंटेंट पर एक्सेस
- ऑनलाइन बुलईंग5) कट्टरवाद
लेकिन इस सबसे बचा जा सकता है, इन 4 टिप्स को फॉलो करें।
- रिस्क को समझे, नेगेटिव चीज़ों को पहचाने
- बच्चे से लगातार बातचीत करें
- खुद से कुछ स्ट्रेटेजी बनाए
- मोबाइल, लैपटॉप, टीवी हफ्ते में एक दिन इस्तेमाल नहीं करें (टाइम टेबल बनाएं)
अपने बच्चों से इस बारे में बात करें।
- बच्चों को बताएं की ऑनलाइन दुनिया में कुछ लोग झूठी प्रोफाइल से अकाउंट बनाते हैं।
- बच्चों को बताएं कि किसी भी अनजान व्यक्ति से न मिलें, खासकर उनसे जिनको वह नहीं जानते।
- बच्चों को बताएं की अगर ऑनलाइन उनके साथ कुछ गलत होता है तो पेरेंट्स से उसके बारे में बात करें।
स्मार्ट पेरेंट्स से बनते हैं स्मार्ट बच्चे।
- ब्रॉडबैंड पर पैरेंटल कंट्रोल का प्रयोग करें। (पैरेंटल कंट्रोल से इंटरनेट को फ़िल्टर कर सकते हैं, कुछ वेबसाइटों को पहुंच से दूर रख सकते हैं। इसे करने के लिए कई तरीके हैं, आप अपने इंटरनेट प्रोवाइडर से बात कर सकते हैं या विंडोज़ या थर्ड-पार्टी सॉफ्टवेयर में बनाए गए पैरेंटल कंट्रोल का उपयोग करते हैं।)
- गूगल और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया साइट्स पर सेफ सर्च इस्तेमाल करें। (सेफ सर्च, गूगल सर्च और गूगल इमेज में एक फीचर है जो पोर्नोग्राफी को फ़िल्टर और ग़लत चीज़ों को रोकता है।) (यूट्यूब सेफ मोड (अब रिस्ट्रिक्टेड मोड) यह एक सेटिंग है जो ख़राब चीज़ों को रोकता है जिसे आप यूट्यूब पर अपने परिवार के अन्य लोगों को दिखाना या देखना पसंद नहीं करते।)
- ऐसी प्रोफाइल बनाने में मदद करें जिसमे पर्सनल इनफार्मेशन कम हो।
- सोशल मीडिया पर सबसे स्ट्रांग प्राइवेसी सेटिंग लगाएँ।
- कैसे रिपोर्ट/ब्लॉक/म्यूट किया जाता है यह सिखाए।
सोशल मीडिया मैटर्स की तरफ से कुछ टिप्स:
- कम यूज़ में आने वाली एप्लीकेशन के नोटिफिकेशन को बंद करें। (जैसे वह एप जो इस वक़्त आपके इस्तेमाल में नहीं आ रही)
- अलार्म क्लॉक्स को अपने बैडरूम में रखे। (अलार्म क्लॉक को अपने पास रखने से यह फायदा होगा कि सुबह उठने पर आप मोबाइल को कम से कम इस्तेमाल करेंगे।)
- हफ्ते में एक दिन मोबाइल, टीवी, लैपटॉप, कंप्यूटर से दूर रहकर देखे और आसान ज़िंदगी का आनंद लें।